संविधान संशोधन – दोस्तों, भारतीय संविधान में जब वह बनकर तैयार हुआ था तब उसमे मूल रूप से 395 अनुछेद, 8 अनुसूचियाँ, और 22 भाग थे, परंतु जैसा की आप जानते है समय हमेशा एक जैसा कभी नहीं रहता, समय परिवर्तित होता रहता है।
इसलिए भारतीय संविधान में समय समय पर संशोधन हुए, जिसमे कुछ चीजें संविधान में परिस्थिति के अनुसार बदली गयी और अगर आज की परिस्थिति के अनुसार कुछ बदलाव करने की आव्यशकता पड़ती है, तो संविधान में संशोधन किया जाता है ताकि व्यवस्था समय के अनुसार कार्य करे।
वर्तमान में कुल अभी तक परिस्थितियों के अनुसार 104 संविधान संशोधन हो चुके है
इसका वर्णन हमें भारतीय संविधान के अनुछेद 368 में मिलता है और इसको दक्षिण अफ्रीका से प्रेरणा लेकर वहां से लिया गया है।
चलिए दोस्तों, उनमें से प्रमुख संविधान संशोधनों के बारे में पढ़े, और उनकी क्या विशेषताएं है वह भी जाने:
संविधान संशोधन
संविधान संशोधन ऐंव उसका वर्ष | संविधान संशोधन की विशेषता |
प्रथम, 1951 | 1. प्रथम संविधान संशोधन, संविधान लागू होने के अगले वर्ष ही कर दिया गया था। 2. इसमें नौवीं अनुसूची जोड़ी गयी नौवीं अनुसूची में भूमि सुधार प्रावधानों को जोड़ा गया। |
7वां, 1956 | 1. इस समय तक राज्यों को वर्गों में विभाजित किया जाता था जैसे की (क), (ख), (ग) इस वर्गीकरण को समाप्त किया गया और एक रिपोर्ट तैयार की गयी, जिसके बाद 14 राज्य और 6 केंद्रीय शाषित प्रदेश का गठन किया गया। 2. दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक उच्च न्यायालय ( high court ) की व्यवस्था की गयी। |
31वां, 1973 | 1. लोक सभा में 525 सीटों को बढाकर 545 सीटें कर दी गयी, जिसमे 543 चुनाव द्वारा चुन के आते है और दो एंग्लो इंडियन ( Anglo Indian ) राष्ट्रपति द्वारा चुने जाते है। |
36वां, 1975 | 1. सिक्किम राज्य को भारतीय राज्य सूची में मिलाया गया और राज्य सूची की बढ़ोतरी की गयी और सिक्किम को 22वां राज्य का दर्जा मिला। |
42वां, 1976 | ये संशोधन बहुत महत्वपूर्ण संशोधन है, इस समय इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं, और इस समय भारत में आपातकाल लगा हुआ था। 1. इस संशोधन में बहुत बदलाव किये गए थे, जिसकी वजह से इस संशोधन को mini constitution के नाम से भी संबोधित किया जाता है। 2.संविधान में पहले मूल कर्तव्य नहीं थे, इन्हे इस संशोधन के द्वारा संविधान में जोड़ा गया और इनका वर्णन हमें भाग-4(क) तथा अनुछेद 51(क) में मिलता है। 3. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में तीन नए शब्द जोड़े गए समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, अखंडता। 4. राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल द्वारा दी गयी सलाह मानने अथवा प्रस्ताव पारित करने के लिए बाध्य कर दिया गया। 5. लोक सभा और विधान सभा के कार्यकाल को 5 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया गया। 6. शिक्षा, वन, वन्य जीव, नाप-तोल आदि को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में डाल दिया गया। 7. संसद और विधान मंडल के लिए कोरम व्यवस्था समाप्त कर दी गयी, कोरम को गणपूर्ति भी कहा जाता है, इसमें यह होता है की यदि बैठक में अगर 1/10 सदस्य आते है तो ही वह बैठक मान्य होगी, पर इस संशोधन द्वारा इसकी समाप्ति के बाद जितने भी सदस्य बैठक में आएंगे तब भी बैठक मान्य होगी। |
44वां, 1978 | इस समय एक गैर कांग्रेस सरकार सत्ता संभालती है, वह मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता सरकार होती है, यह सरकार इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा हुए संविधान संशोधनों में बदलाव करती है और कुछ नए प्रावधान जोड़े जाते है। 1. लोक सभा और विधान सभा का कार्यकाल फिर से 5 वर्ष का कर दिया जाता है। 2. राष्ट्रपति को शक्ति दी गयी की मंत्रिपरिषद द्वारा दिए गए प्रस्ताव को फिर से एक बार मंत्रिपरिषद को वापस पुनर्विचार के लिए भेज सके, लेकिन अगर मंत्रिपरिषद ने वह प्रस्ताव फिर से राष्ट्रपति को भेज दिया तो राष्ट्रपति को वह प्रस्ताव पारित करना होगा। 3. कोरम व्यवस्था को फिर से लागू कर दिया गया। 4. संपत्ति के अधिनियम को समाप्त कर दिया गया। 5. राष्ट्रीय आपात में ‘आंतरिक अशांति’ शब्द को हटाकर ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द को जोड़ा गया। 6. यह प्रावधान किया गया की मौलिक अधिकार के अंतर्गत अनुछेद 20, 21 को राष्ट्रीय आपात के समय भी निलंबित नहीं किया जाएगा। |
52वां, 1985 | 1. दसवीं अनुसूची भारतीय संविधान में जोड़ी गयी और इसमें दल-बदल संबंधी प्रावधान जोड़े गए। |
56वां, 1987 | 1. गोवा राज्य को भारतीय राज्य सूची में मिलाया गया और राज्य सूची की बढ़ोतरी की गयी और गोवा को 25वां राज्य का दर्जा मिला। |
61वां, 1989 | 1. लोक सभा, विधान सभा में मतदान की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया। |
69वां, 1991 | 1. दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दर्जा दिया गया। |
73वां, 1992 | 1. पंचायती व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा दिया गया। 2. 11वी अनुसूची जोड़ी गयी, जिसमे पंचायती व्यवस्था के 29 कार्य क्षेत्रों का वर्णन किया गया। 3. इस संशोधन द्वारा भाग-9 को जोड़ा गया। |
74वां, 1992 | 1. शहरी स्थानीय निकाय/नगर पालिका को संवैधानिक दर्जा दिया गया। 2. 12वी अनुसूची जोड़ी गयी, जिसमे शहरी स्थानीय निकाय के 18 कार्य क्षेत्रों का वर्णन किया गया। 3. इस संशोधन द्वारा भाग-9(क) को जोड़ा गया। |
84वां, 2001 | 1. 2026 तक लोक सभा, विधान सभा की सीटों की संख्या को निश्चित कर दिया गया यानी की इन सीटों की संख्या को 2026 तक बढ़ाया नहीं जा सकता। |
86वां , 2002 | इस संशोधन में शिक्षा संबंधी बदलाव हुए। 1. अनुछेद 21(क) में 6-14 वर्ष के बच्चों के लिए निशुल्क ऐंव अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार के अंतर्गत डाला गया। 2. अनुछेद 45 में 0-6 वर्षो के बच्चों के लिए सरकार का पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था को राज्य के निति निर्देशक तत्वों के अंतर्गत डाला गया। 3. इसमें अनुछेद 51(क) में 10 मौलिक कर्तव्यों में एक और मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया, जिसकी वजह से 11 मौलिक कर्तव्य हो गए। इस 11वें मौलिक कर्तव्य का कहना है की माता-पिता या अभिभावक अपने 6-14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा संस्थानों या विद्यालय भेजें, ये उनका मौलिक कर्तव्य है। |
91वां, 2003 | 1. मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या निम्न सदन की 15% होगी, निम्न सदन केंद्र में लोक सभा को कहते है, और राज्यों में विधान सभा को कहते है। राज्यों के लिए थोड़ा अलग प्रावधान है, जैसे किसी किसी राज्य में विधान सभा सीटों की संख्या कम है, इसलिए वहां पर न्यूनतम मंत्रिपरिषद की संख्या 12 होगी और अधिकतम सारी सीटों का 15% होगी। |
92 वां, 2003 | 1. 8वीं अनुसूची में चार भाषाएं जोड़ी गयी, वे चार भाषाएं है बोडो, डोंगरी, मैथली, संथाली और वर्तमान में इस अनुसूची में कुल 22 भाषाएं है। |
100वां, 2015 | 1. बांग्लादेश को भूमि हस्तांतरण, भारत ने कुछ गाँव बांग्लादेश को सौंपे, और कुछ गाँव बांग्लादेश ने भारत को सौंपे। |
101वां, 2016 | 1. 1 जुलाई 2017 में भारत में GST ( Goods and Service tax ) बिल लागू किया गया। |
हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई संविधान संशोधन के बारे में जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी और आप इससे बहुत लाभ उठाएंगे। हम आपके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं और आपका हर सपना सच हो।
धन्यवाद।
यह भी पढ़े : Articles of Indian Constitution in Hindi
यह भी पढ़े : संविधान के भाग
यह भी पढ़े : Directive Principles of State Policy in Hindi
यह भी पढ़े : fundamental rights in hindi