levis history in hindi – युवाओं में फैशन शब्द का मतलब बहुत मायने रखता है, और कुछ तो फैशन को अपना प्रोफेशन भी बना लेते है। फैशन में भी बहुत सारी चीजे होती है, जैसे लेटेस्ट डिजाईन के कपडे, जूते, चश्मे, घडी आदि।
इन सबमें एक चीज है जो हमेशा से और बहुत सालो से फैशन के उपयोग में लायी जाती है और लायी जा रही है और वो चीज है जीन्स।
आपने कभी न कभी जीन्स जरूर पहनी होगी और रेगुलर भी पहनते होंगे, इसका उपयोग बच्चों से लेकर बड़े लोगो तक में किया जाता है और सिर्फ फैशन में ही नहीं जीन्स आम तोर में भी लोगो के द्वारा पहनी जाती है।
लेकिन क्या आपको पता है कि जीन्स की शुरुवात कहा से हुई, कैसे हुई और कब हुई, चलिए आज जानते है इस विषय में:
levis history in hindi
दोस्तों, ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले जीन्स का अविष्कार सोने की खदानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए हुआ था, क्यूंकि उनके कपडे वहा का सख्त काम करने से जल्दी फट जाया करते थे।
jeans ki shuruwat
जैकब डेविस और लेवि स्ट्रॉस को जीन्स का अविष्कारक कहा जाता है। जैकब डेविस रूसी थे लेकिन बाद में वे अमेरिका में रहने लग गए, वे पेशे से एक टेलर थे।
जैकब डेविस के पास वहां के आसपास काम करने वाले सोने की खदानो के मजदूरों की समस्या आई कि वे एक ऐसा कपडा बनाये जो की जल्दी ने फटे, वो कपडा मजबूत होने के साथ साथ पहनने में भी कोई दिक्कत न करे।
जीन्स को बनाने के लिए कपडा
जैकब डेविस कठोर वस्त्र सिलते थे, जैसे की टेन्ट, रेलवे के वैगन कवर आदि, और ये कपडे वे कॉटन ( cotton ) डक ( duck ) के डेनिम ( denim ) फाइबर से बनाते थे।
उन्होंने उन मजदूरों की समस्या हल करने के लिए जीन्स में भी वही तकनीक इस्तेमाल की, उन्होंने कॉटन डक कपडा लेके डेनिम फाइबर से जीन्स बनाई, और आज भी सबसे ज्यादा डेनिम फाइबर ही जीन्स को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
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उन्होंने उन मजदूरों के लिए जीन्स तैयार की और जहाँ जहाँ से वो फट सकती थी वहां वहां से जैसे की जेबे, और जीन्स का मुख्य बटन, इन जगहों पर उन्होंने आम बटन की जगह रिवेट्स (rivets) का उपयोग किया इस चीज को हम आज भी अपनी जीन्स में देख सकते है।

उनका प्रयोग सफल साबित हुआ और उनके पास इन जीन्स की डिमांड काफी ज्यादा आने लगी, लेकिन वे आर्थिक स्थिति से इतने सक्षम नहीं थे कि वे इतनी डिमांड्स को पूरा कर सके, तब वे लेवि स्ट्रॉस के पास गए।
levis history in hindi
लेवि स्ट्रॉस जर्मनी के रहने वाले थे लेकिन बाद में वे अमेरिका शिफ्ट हो गए, वहां पर वे अपने भाई के साथ उनके कपडे के व्यापार में जुड़े थे लेकिन बाद में उन्होंने अपनी खुद की कंपनी खोली जिसका नाम उन्होंने Levi Strauss & Co. रखा। जैकब डेविस उनकी कंपनी से ही कपडा लेकर अपना टेलर का काम करते थे।
जैकब डेविस अपनी बात लेकर लेवि स्ट्रॉस के पास पहुंचे और बात उनके सामने रखी की उन्होंने एक जीन्स डिज़ाइन करी है, जो बहुत सफल है क्यों न हम दोनों मिलके इसका पेटेंट करवा ले और इसका बड़े पैमाने में उत्पादन करे।
blue jeans ki khoj
लेवि स्ट्रॉस को ये प्रस्ताव बहुत ज्यादा पसंद आया और उन दोनों ने मिलके 20 मई, 1873 को इस आविष्कार का पेटेंट करवा लिया और इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करने लगे, तो इससे हम ये कह सकते है की जीन्स का आविष्कार तो जैकब डेविस ने किया था लेकिन दुनिया के सामने इसकी प्रस्तुति लेवि स्ट्रॉस ने की।
यही से ब्लू जीन्स का अविष्कार हुआ।
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उन्होंने सबसे पेहले Levi’s® 501® नाम से जीन्स बाजार में निकाली। धीरे धीरे वे अपनी जीन्स के डिज़ाइन में भी बदलाव लाते रहे लेकिन मजबूती से कोई समझौता नहीं किया जो आज भी हमे लेवि की जीन्स में देखने को मिलता है।

बाद में कुछ अन्य कंपनियों ने भी जीन्स बनाना शुरू कर दिया, फिर उन्होंने अपने असली जीन्स को उन कंपनियों की बनाई हुई जीन्स से अलग रखने के लिए डबल आर्क (Double Arc) का डिज़ाइन बनाया और उसका भी पेटेंट करवा लिया, जिसे आपने लेवि जीन्स के पीछे वाली जेबो के ऊपर देखा होगा।

1960 तक जीन्स को “वैस्ट ओवरआल” या “ओवरआल” कहा जाता था।
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आगे उन्होंने और भी कुछ अन्य ट्रेडमार्क निकाले जिससे लेवि कंपनी अपनी ओरिजिनल जीन्स को सफल बनाये रख सके जैसे कि उन्होंने दो घोड़े का ट्रेडमार्क (two horse logo) निकाला जिसमे दो घोड़े जीन्स को विपरीत दिशा में खींच रहे है जो लेवि की जीन्स की मजबूती को दर्शाता है, जो लेवि को दूसरों से अलग और सबसे ऊपर दर्शाता है, जो आज भी है।

कुछ महत्वपूर्ण डेट्स
1853 – लेवी स्ट्रॉस ने अपनी कंपनी खोली जिसका नाम उन्होंने Levi Strauss & Co. रखा।
1873 – 20 May 1973 को जैकब डेविस और लेवी स्ट्रॉस ने मिलके जीन्स के आविष्कार का पेटेंट करवाया, जहां से ब्लू जीन्स की खोज हुई।
1886 – कंपनी ने दो घोड़ों (two horse logo) वाला ट्रेडमार्क निकला, जो जीन्स की मजबूती को दर्शाता है।
1895 – कंपनी ने अपनी पहली बाइसिकल पैन्ट्स बाज़ार में लायी।
1902 – लेवी स्ट्रॉस का निधन हुआ और उनके भतीजों ने कारोबार संभाला, और चैरिटी के बच्चों और गरीबों की सेवा भी की।
1906 – सैन फ्रांसिस्को में भूकंप आया और कंपनी के हेडक्वार्टर्स, और कुछ फैक्ट्री भी तबाह हो गयी।
1909 – नइ खाकी पैंट और कोट बज़ार में लाये गए।
1912 – बच्चों के लिए कोवेराल्स (koveralls) नाम से वन पीस डेनिम सूट बज़ार में लाये गए।
1928 – levi strauss & co. ने अपना ट्रेडमार्क Levi’s® में पंजिकृत किया।
1934 – महिलाओ के लिए पेहली जींस निकाली गई।
1936 – दो घोड़ों (two horse logo) और डबल आर्क (Double Arc) की तरह ही दूसरी कंपनियों से अपनी जीन्स की पहचान अलग रखने के लिए कंपनी ने रेड टैब (Red tab) ट्रेडमार्क निकाला, जो पीछे की दाईं ओर वाली जेब पे एक छोटा सा रेड टैब लगाया जाता है जो बिलकुल अलग है जिसमे Levi’s® लिखा होता है। यह देखिये Levi’s® की जीन्स की पीछे की जेब पर लगा रेड टैब:
1954 – डेनिम फॅमिली लाइन लॉन्च की गयी।
1967 – रेड हाउस मार्क “ बैटविंग” (batwing) लाया गया जिसे Walter Landor और उनके सहयोगियों ने बनाया, जो बाद में कंपनी के लिए उनकी पहचान बन गया।
1980/1984 – कंपनी ने 1980 और 1984 के ओलंपिक्स में खेलने वाले एथलीटों के लिए कपडे तैयार किये।
1986 – कंपनी ने Dockers® ब्रांड की शुरुवात की।
1996 – कंपनी ने अपने इतिहास को जीवित रखने के लिए Levi’s® Vintage Clothing लॉन्च की जो ऐतिहासिक लेवि के कपडे, उनकी वही बनावट, फिट्स, और उनकी विशेषताओं को ईमानदारी से पेश करती है।
1999 – टाइम्स पत्रिका ने 501® जीन्स को सदी का फैशन आइटम का दरजा दिया।
2010 – कंपनी, माहिलाओ के लिये Levi’s® Curve ID जीन्स बाजार में लायी।
2011 – शहरी साइकिल चालकों ने जीन्स को अपनी यूनिफार्म बनाया. इसी ट्रेंड को देखते हुए लेवि ने Commuter Line (एक मल्टी-फंक्शनल प्रोडक्ट जो दुनिया भर के साइकिल चालकों के लिए डिज़ाइन है) का अविष्कार किया।

Levi Strauss & Co. जीन्स की श्रेणी में दुनिया की टॉप कंपनियों में होने के साथ साथ ये जीन्स की श्रेणी में एक ग्लोबल लीडर भी है। इनका मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया, यूनाइटेड स्टेट्स में है और इनके प्रोडक्ट्स दुनिया के 110 देशों में उपलब्ध है।
हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई levis history in hindi के बारे में जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी और आप इससे बहुत लाभ उठाएंगे। हम आपके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं और आपका हर सपना सच हो।
धन्यवाद।
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