Shiva Thapa Biography in Hindi – दोस्तों, आज हम जिसके बारे में जाननें वाले हैं, उन्होंने भारत का नाम रौशन किया है और उनका नाम शिवा थापा है।
शिवा थापा, एक भारतीय मुक्केबाज़ हैं जो असम के गुवाहाटी क्षेत्र के रहने वाले हैं, वह मुक्केबाज़ी के साथ साथ ओएनजीसी (ONGC) में कार्य भी करते हैं।
इसके साथ उनके पास ओलंपिक में प्रवेश करने वाले सबसे कम आयु के भारतीय होने का रिकॉर्ड भी प्राप्त है और उन्होंने ओलंपिक में यह प्रवेश 2012 में लिया था।
उन्होंने मुक्केबाज़ी के इस खेल में अपनी जगह बहुत मुश्किल से बनाई, क्यूँकि वे बहुत ही छोटे गाँव से आते हैं, और क्रिकेट जैसे खेलो की तरह यह मुक्केबाज़ी का खेल इतना लोकप्रिय भी नहीं है।
उन्होंने इन सारी मुश्किलों का मुँह-तोड़ जवाब दिया और इस मुक्केबाज़ी के खेल में अपना नाम बनाया।
वे पाँच बार के ऐशियाई पदक विजेता भी रह चुके हैं और हाल ही में भारत का नाम रौशन करते हुए उन्होंने वर्ल्ड चैम्पीयन्शिप में प्री-क्वॉर्टर में फ़्रांस के लूनस हमराउई को धूल चटाते हुए 4-1 से हराया और भारत को क्वॉर्टर फ़ाइनल में जगह दिलायी।
नाम | शिवा थापा |
प्रसिद्दि | 2012 में शिवा थापा ने ओलंपिक में क्वालिफ़ाई करने वाले सबसे कम आयु के भारतीय मुक्केबाज़ का रीकार्ड अपने नाम किया था। ऐशियाई परिसंघ मुक्केबाज़ी प्रतियोगिता जो अम्मान, जॉर्डन में हुई थी इस प्रतियोगिता में वे स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे कम आयु के भारतीय खिलाड़ी बने। |
जन्म | 8 दिसंबर, 1993 |
उम्र | 27 साल (साल 2021 ) |
जन्म स्थान | शिवा थापा का जन्म गुवाहाटी, असम में हुआ था। |
गृहनगर | गुवाहाटी, असम |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राशि | धनु राशि |
जाति | खास समूह की छेत्री जाति |
कद | 5 फुट 6 इंच |
वजन | 56 किग्रा |
आंखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
कोच | पदम थापा |
पेशा | मुक्केबाज़ |
अन्तर्राष्ट्रीय शुरुआत | 2008 में रूस के याकुत्सक शहर में आयोजित बच्चों की एशियाई खेल प्रतियोगिताओं में कांस्य पदक अपने नाम किया। |
श्रेणी (Ranking ) | 3 |
वैवाहिक स्थिति | आविवाहित |
Shiva Thapa Biography in Hindi – शिवा थापा का प्रारंभिक जीवन
शिवा थापा का जन्म गुवाहाटी, असम में 8 दिसंबर, 1993 को हुआ था।
उनके पिता का नाम पदम थापा और माता का नाम गोमा है और उनके पिता कराटे सिखाते हैं, वे 6 भाई-बहन हैं और उन्मे सबसे छोटे शिवा थापा है।
उनके पिता ने उन्हें ओलंपिक खेलों की शिक्षा पहले से ही देनी शुरू कर दी थी और इसके लिए उन्होंने शिवा थापा को इटानगर, अरुणाचल प्रदेश के एक कराटे स्कूल में भेजा।
परंतु उन्हें बाद में पता चला की कराटे तो ओलंपिक खेलों की श्रेणी में आता ही नहीं इसलिए फिर उन्होंने शिवा थापा को मुक्केबाज़ी के तरफ़ भेजा।
उनके पिता ने उनका हुनर बचपन में ही पहचान लिया था क्यूँकि शिवा थापा का मुक्केबाज़ी की तरफ़ बचपन से ही काफ़ी रुझान था।
उन्होंने बचपन से ही मुक्केबाज़ी का अभ्यास करना आरंभ किया, जिसके लिए वे सुबह जल्दी उठते थे ताकि उनकी पढ़ाई भी संतुलित हो सके।
उनके पिता की आर्थिक स्थितियों के कारण उनकी मुक्केबाज़ी की शिक्षा में बहुत दिक़्क़तें आ रहीं थी, प्रारंभ में उनके पिता स्ट्रीट फ़ूड विक्रेता का कार्य करते थे और उनकी कमाई से ख़र्च पूरे नहीं हो पाते थे।
बाद में एक ग़ैर लाभकारी संगठन, ओलंपिक स्वर्ण खोज ने उनका साथ दिया और उनकी शिक्षा साथ में भोजन और रहने का ख़र्चा उठाया था।
गोबिंद थापा जो शिवा थापा के बड़े भाई हैं, वे भी मुक्केबाज़ी में असम के राज्य स्तर के पदक विजेता रह चुके हैं।
शिवा थापा का बॉक्सिंग का सफ़र
वर्ष | वर्ष से जुड़े बिंदु |
2005 | उन्हें 2005 में पहली बार अपनी योग्यता का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ, और नोऐडा में हुई सब जुनियर नैशनल बॉक्सिंग चैम्पीयन्शिप में अपनी कला दिखायी। उन्हें उस चैम्पीयन्शिप में एक अधिकारी की ग़लत जानकारी के कारण 36 किलो वर्ग की जगह 38 किलो वर्ग में लड़ना पड़ गया था। परंतु उनकी दृढ़ता और अपने ऊपर विश्वाश के कारण उन्होंने यह मुक़ाबला जीता और अपना पहला राष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता था। |
2008 | उन्होंने याकुत्सक शहर जो की रूस देश में है, वहाँ उन्होंने ऐशिया चिल्ड्रन इंटरनैशनल स्पोर्ट्स में अपने वर्ग की प्रतियोगिता में कांस्य पदक अपने नाम किया। 2008 में ही उन्होंने हैदर अलीयेव कप की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक को जीता। उसके अगले वर्ष आर्मेनिया में होने वाली ज़ूनीयर विश्व मुक्केबाज़ी चैम्पीयन्शिप ने उन्हें उनके अच्छे प्रदर्शन की वजह से 52 किलो वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया। इस प्रतियोगिता में वे 7 मुक्केबाज़ों की टीम में इकलौते अंतराष्ट्रीय स्तर में पदक जीतने वाले खिलाड़ी थे और इसके साथ उन्होंने इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था। |
2010 | यह वर्ष शिवा थापा के लिए थोड़ा अच्छा नहीं रहा, ऐशियाई युवा चैम्पीयन्शिप जो तेहरान में आयोजित हुई थी उसमें वे सेमीफ़ाइनल तक नहीं पहुँच सके थे। |
2012 | 2012 में शिवा थापा ने ओलंपिक में क्वालिफ़ाई करने वाले सबसे कम आयु के भारतीय मुक्केबाज़ का रीकार्ड अपने नाम किया था। उस वर्ष ओलंपिक लंदन में हुए थे, परंतु वे मेक्सिको के ऑस्कर वाल्डेज फिएरो से 9-14 से पहले दौरे में हार गए थे और बाहर हो गए थे, ये प्रतियोगिता 56 किलो वर्ग में हुई थी। इस लंदन ओलंपिक में क्वॉलिफ़ाई करने के लिए उन्होंने अस्ताना, कजाकिस्तान में ऐशियाई ओलंपिक क्वॉलिफ़ायअर प्रतियोगिता में भाग लिया था और सीरिया के खिलाड़ी वेसम सलामाना को 18-11 से मात देते हुए ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई किया था। |
2013 | ऐशियाई परिसंघ मुक्केबाज़ी प्रतियोगिता जो अम्मान, जॉर्डन में हुई थी इस प्रतियोगिता में वे स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे कम आयु के भारतीय खिलाड़ी बने। |
2014 | यह वर्ष भी उनके लिए थोड़ा निराशा पूर्ण रहा, वे ऐशियाई खेलों और राष्ट्र्मंडल खेलों दोनो में क्वॉर्टर फ़ाइनल और पहले दौर में बाहर हो गए थे। |
2015 | उन्होंने ऐआइबीऐ विश्व बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता और यह पदक जीतने वाले वे तीसरे भारतीय भी बने। |
2016 | इस वर्ष वे रियो ओलंपिक की 56 वर्ग की प्रतियोगिता के लिए क्वालिफ़ाई हुए, परंतु पहले दौर में आउट हो गए थे। |
2017 | उन्होंने ताशकंद में आयोजित ऐशियाई एमेच्योर बॉक्सिंग चैम्पीयन्शिप में भाग लिया और एलनूर अब्दुरैमोव से प्रतियोगिता करी। परंतु इस प्रतियोगिता में एलनूर अब्दुरैमोव को चोट लग गयी जिसके कारण वे बाहर हो गए और शिवा थापा को रजत पदक जीतने का अवसर प्राप्त हुआ था। |
2019 | शिवा थापा ने टोक्यो ओलंपिक टेस्ट में सनताली तोलतायेव जो कजाकिसतान के राष्ट्रीय चैम्पीयन और ऐशियाई कांस्य विजेता भी है, उन्हें 5-0 से हराया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। |
शिवा थापा का ओलंपिक सफ़र
1. 2012 में शिवा थापा ने ओलंपिक में क्वालिफ़ाई करने वाले सबसे कम आयु के भारतीय मुक्केबाज़ का रीकार्ड अपने नाम किया था।
2. 2016 के रियो ओलंपिक में उनका प्रदर्शन थोड़ा निराशापूर्ण रहा था और क्यूबा रोबेसी रामरेज़ से 3-0 से हार गए थे, क्यूबा रोबेसी 2012 के स्वर्ण विजेता है, परंतु ऐशियाई प्रतियोगिताओं में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है।
3. 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए वे क्वालिफ़ाई नहीं कर पाए थे, क्यूँकि पहले से ही कई अच्छे मुक्केबाज़ों ने अपनी जगह बना ली थी।
शिवा थापा के अपने नाम किए गए रिकार्ड्स
1. 2013 में वे ऐशियाई परिसंघ मुक्केबाज़ी प्रतियोगिता जो अम्मान, जॉर्डन में हुई थी इस प्रतियोगिता में वे स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे कम आयु के भारतीय खिलाड़ी बने।
2. 2015 में वे ऐआइबीऐ विश्व बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाले वे तीसरे भारतीय बने।
3. 2016 में वे रियो ओलंपिक में क्वालिफ़ाई करने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज़ बने।
4. विश्व चैम्पीयन्शिप जीतने वाले चार भारतीय मुक्केबाज़ों ( विकास कृष्ण यादव, गौरव बिंधूडी, विजेंदर सिंह ) में से एक शिवा थापा हैं, जिसमें उन्होंने 2009 में, 2011 में, 2017 में कांस्य पदक जीते हैं।
5. शिवा थापा तीन लगातार ऐशियाई प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पहले भारतीय मुक्केबाज़ बने, जिसमें उन्होंने 2013 ( स्वर्ण ), 2015 ( कांस्य ), 2017 ( रजत ) ये पदक अपने नाम किए।
6. उन्होंने 16 से अधिक राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 10 से ज़्यादा स्वर्ण पदक, 3 कांस्य पदक और 1 रजत पदक अपने नाम किए हैं।
शिवा थापा के नाम उपलब्धियां
1. 2008 में रूस के याकुत्सक शहर में आयोजित बच्चों की एशियाई खेल प्रतियोगिताओं में कांस्य पदक अपने नाम किया।
2. 2010 में बाकू में हुई ऐआइबीऐ यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग की प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया।
3. 2010 में ही सिंगापुर में हुई युवा ओलंपिक खेलों में अपने नाम रजत पदक हासिल किया।
4. 2011 में शिवा थापा को वर्ष निर्णायक प्रदर्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
5. उन्हें 2013 में ICC स्पोर्ट्स एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
6. उन्होंने 2013 में ही एशियन कन्फैडरेशन बॉक्सिंग प्रतियोगिता जो जॉर्डन में हुई थी उसमें स्वर्ण पदक जीता था।
7. 2015 में विश्व एमेच्योर प्रतियोगिता जो दोहा में हुई थी उसमें उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया था।
8. 2017 में उन्होंने ताशकंद में आयोजित ऐशियाई एमेच्योर बॉक्सिंग चैम्पीयन्शिप में भाग लिया और एलनूर अब्दुरैमोव से प्रतियोगिता करी और रजत पदक अपने नाम किया।
9. 2017 में ही उन्होंने चैक गणराज्य में हुई 48वीं ग्रैंड प्रिक्स उस्ती नाद लाबेम में स्वर्ण पदक अपने नाम करा था।
10. 2019 में फिनलैंड में आयोजित हेलसिंकी में 38वीं गीबी बॉक्सिंग प्रतियोगिता मे रजत पदक अपने नाम करा था।
शिवा थापा से जुड़े विवाद
शिवा थापा नशीले पदार्थों जैसे ड्रग्स आदि के विवादक के कारण जुलाई, 2013 में चर्चा में भी आए थे।
उनपर इन नशीले पदार्थों का सेवन का आरोप लगा था।
शिवा थापा को मिले पुरस्कार
1. उन्हें मुक्केबाज़ी के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2. असम सरकार ने उन्हें उनकी योग्यता के लिए 1 लाख रुपये से सम्मानित किया।
3. युवा ओलंपिक में रजत पदक अपने नाम करने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ ने उनको के 4,00,000 रुपये से सम्मानित किया और इसके साथ ही साथ सिक्किम सरकार ने शिवा थापा को 5,00,000 रुपये से सम्मानित किया।
शिवा थापा के पास संपत्ति
2021 में शिवा थापा के पास 3 मिलीयन डॉलर से ज़्यादा की संपत्ति है और रुपयों में 20 से 25 करोड़ रुपय है।
Shiva Thapa Biography in Hindi
हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई Shiva Thapa Biography in Hindi के बारे में जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी और आप इससे बहुत लाभ उठाएंगे। हम आपके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं और आपका हर सपना सच हो।
धन्यवाद।
बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न
शिवा थापा कौन है ?
शिवा थापा, एक भारतीय मुक्केबाज़ हैं जो असम के गुवाहाटी क्षेत्र के रहने वाले हैं, वह मुक्केबाज़ी के साथ साथ ओएनजीसी (ONGC) में कार्य भी करते हैं।
शिवा थापा का जन्म कब और कहां हुआ ?
शिवा थापा का जन्म गुवाहाटी, असम में 8 दिसंबर, 1993 को हुआ था।
शिवा थापा की उम्र क्या है ?
वर्तमान में 27 वर्ष