इस काल की जानकारी पुरातात्विक स्थलों या पुरातात्विक तत्वों से प्राप्त होती है, जिससे हमें यह पता लग पाता है की इस काल में भी मानव की भूमिका थी।
कुणिंद वंश
कुनिन्द वंश को उत्तराखंड में राज करने वाली पहली रजनीतिक शक्ति माना जाता है।
कत्यूरी वंश
कार्तिकेयपुर राजवंश की स्थापना 700 ईस्वी में हुई थी।इस राजवंश को उत्तराखंड पर राज करने वाला पहला ऐतिहासिक राजवंश माना जाता है।
कुमाऊँ क्षेत्र में चंद राजवंश का उदय
जब कत्यूरी वंश का शासन प्रारंभ हुआ था तब उस समय कुमाऊँ क्षेत्र में चंद वंश भी उदय हो रहा था और दोनों ही वंश प्रारंभ में एक दूसरे के समकालीन थे।
परमार वंश / पवांर वंश ( गढ़वाल )
परमार वंश की स्थापना गढ़वाल में कनकपाल द्वारा 888 ईस्वी के आसपास की गई थी।
गोरखाओं का शासनकाल
गोरखा लोग नेपाली मूल से संबंध रखते थे।यह अपनी सत्ता सैन्य शासन के आधार पर चलाते थे और इसके साथ साथ स्वभाव अत्यंत लड़ाकू था।
टिहरी रियासत की स्थापना
परमार वंश की राजधानी जो श्रीनगर हुआ करती थी, वह अब अंग्रेजों के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आती थी इसलिए फिर सुदर्शन शाह 28 दिसंबर, 1815 को टिहरी को अपनी राजधानी बना लेते हैं
उत्तराखंड में ब्रिटिश शासन
अंग्रेजों ने उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों पर अधिकार करके टिहरी का क्षेत्र सुदर्शन शाह को दिया था।
उत्तराखंड पृथक राज्य आंदोलन
अंत में इतने बलिदानों और कष्टों को सहने के बाद 9 नवंबर, 2000 में भारत में उत्तरांचल नाम से यह 27वे राज्य के रूप में स्थापित हुआ था।
क्या है उत्तराखंड का पूर्ण इतिहास प्राचीन काल से आधुनिक काल तक?